नई दिल्ली । भारत अगले 10 सालों में 6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (6 खरब डॉलर या 393 खरब रुपए) वाली अर्थव्यवस्था बन सकता है, जो कि दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। इसमें सबसे बड़ा योगदान डिजिटलाइजेशन का होगा। यह दावा मॉर्गन स्टैनले की एक रिपोर्ट में किया गया है। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक आने वाले दशक में भारत का डिजिटलीकरण अभियान जीडीपी वृद्धि दर में 50 से 75 आधार अंकों की वृद्धि ला देगा। मॉर्गन स्टैनली के अनुसंधान (भारत) के प्रमुख रिद्धम देसाई ने पत्रकारों से कहा, हमें उम्मीद है कि डिजिटलीकरण जीडीपी की वृद्धि दर को 0.5-0.75 फीसद तक बढ़ा देगा। हमारा पूर्वानुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर की ओर बढ़ेगी और उच्च मध्यम आय की स्थिति हासिल कर लेगी। आने वाले दशक में भारत की वास्तविक और सांकेतिक जीडीपी की सालाना वृद्धि दर क्रमश: 7.1 फीसद और 11.2 फीसद हो जाएगी। भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। देश की अर्थव्यवस्था आगामी 10 वर्षों में तीन गुना बढ़ेगी। यह बात रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने इंडियन मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2017 में कही है। उन्होंने कहा है कि डेटा अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। भारत दूरसंचार और डिजिटल के लिहाज से काफी बड़ा बाजार है। साथ ही इंटरनेट के मामले में देश पहले पायदान पर है। अंबानी ने बताया कि भारत में सबसे ज्यादा इंटरनेट उपभोक्ता हैं। देश की अर्थव्यवस्था आगामी 10 वर्षों में 2.5 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर सात लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी। इस तरह देश दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसमें भारतीय दूरसंचार और आईटी उद्योग का विशेष योगदान होगा। यह एक तरह से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि इंडियन मोबाइल कांग्रेस 27 सितंबर से 29 सितंबर तक चलेगा।
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